प्रमोद कुमार बंजारे संभाग ब्यूरो चीफ
कोरबा ( सुघर गांव )। जिले के एसईसीएल कुसमुण्डा क्षेत्र अंतर्गत आउटसोर्सिंग में कार्यरत मेसर्स नीलकंठ कंपनी को लेकर गेवरा बस्ती एवं आसपास के भुविस्थापित बेरोजगारों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। रोजगार में अनदेखी और अपारदर्शिता का आरोप लगाते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने एसईसीएल प्रबंधन को पत्र सौंपकर 7 दिवस के भीतर ठोस कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दे,कि पार्षद श्रवण कुमार यादव (वार्ड क्र. 28, पी.आई.सी. सदस्य – लोक निर्माण समिति), इन्द्रजीत बिंझवार (वार्ड क्र. 27), राजकुमार कंवर (वार्ड क्र. 24) एवं प्यारे लाल दिवाकर (वार्ड क्र. 26) के संयुक्त हस्ताक्षर से दिनांक 27 नवंबर 2025 को मुख्य महाप्रबंधक, एसईसीएल कुसमुण्डा क्षेत्र को पत्र प्रेषित किया गया है।
पत्र में कई आरोप व रखे गए मांगें :-
आपको बता दे कि इस कंपनी से पूर्व में होल्डिंग किए गए 5 ड्राइवरों को अब तक कार्य में वापस नहीं लिया गया है । बताया जा रहा है,कि कंपनी में स्थानीय व गैर-स्थानीय कर्मचारियों के 70:30 प्रतिशत मानक का पालन स्पष्ट नहीं है। और जनप्रतिनिधियों के साथ व्यवहारिक चर्चा नहीं किया जा रहा है,और उन्हें उपेक्षित किया जा रहा है। एसडीएम के साथ हुई वार्ता में लिए गए निर्णय के तहत बाहरी/गैर-स्थानीय 80 कर्मचारियों को हटाकर स्थानीय व भुविस्थापितों को रोजगार देने पर 27/11/2025 को सहमति बना हुआ था। जिस पर कंपनी ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं किया है। आपको बता दे,की जनप्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया है कि यदि 7 दिनों के भीतर गेवरा बस्ती के भुविस्थापितों के पक्ष में उचित निर्णय लेकर कार्रवाई की सूचना नहीं दी गई, तो 11 दिसंबर 2025 को सभी जनप्रतिनिधि एवं समस्त भुविस्थापितगण नीलकंठ कंपनी (कुसमुण्डा) में तालाबंदी कर उत्पादन बाधित करने के लिए बाध्य हों जाएंगे। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन एवं संबंधित कंपनी का होगा। यह पत्र जिलाधीश कोरबा, पुलिस अधीक्षक कोरबा, अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा, प्रबंधक नीलकंठ कंपनी कुसमुण्डा, थाना प्रभारी कुसमुण्डा तथा समस्त प्रेस व मीडिया प्रभारी को भी भेजा गया है। अब देखना यह होगा कि एसईसीएल प्रबंधन और नीलकंठ कंपनी समय रहते क्या कदम उठाते हैं या क्षेत्र एक बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेगा।
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