SECL कुसमुंडा प्रबंधन की वादाखिलाफी पर गेवरा ग्रामीणों का बड़ा आक्रोश, 11 साल बाद भी न विस्थापन न मुआवज़ा।


प्रमोद कुमार बंजारे संभाग ब्यूरो चीफ 

कोरबा ( सुघर गांव ) । जिले के साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) कुसमुंडा प्रबंधन की उदासीनता और कथित वादाखिलाफी के ख़िलाफ़ कोरबा जिले के गेवरा ग्राम के ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है ग्रामीणों ने SECL कुसमुंडा प्रबंधन को एक सख्त ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है । ​ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 2015 में इंदिरा स्टेडियम कुसमुंडा में आयोजित जनसुनवाई में प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से घोषणा की थी कि गेवरा ग्राम का विस्थापन वैशालीनगर - खमरिया ग्राम में किया जाएगा इस सार्वजनिक घोषणा को 11 वर्ष बीत चुके हैं लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक न तो विस्थापन की प्रक्रिया शुरू की गई है न ही महत्वपूर्ण DRCC बैठक बुलाई गई है और न ही ग्रामीणों को उनका वैध मुआवज़ा प्रदान किया गया है ।

जनता के साथ सरासर धोखा :-

​ग्रामीणों ने SECL प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि गेवरा ग्राम को जानबूझकर पीछे धकेलते हुए जरहाजेल डंपिंग और बरमपुर डंपिंग जैसी अन्य परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है ग्रामीणों ने इसे जनसुनवाई में किए गए वादों का खुला उल्लंघन और ग्रामवासियों के साथ घोर अन्याय बताया है
​ग्रामीणों के अनुसार यह अनदेखी दर्शाती है कि उन्हें जानबूझकर परियोजना से बाहर करने की कोशिश की जा रही है जो कि सरासर धोखा है ।

​ग्रामीणों की तीन सूत्रीय तत्काल मांगें

​ग्रामीणों ने SECL प्रबंधन को स्पष्ट करते हुए निम्नलिखित तीन सूत्रीय मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की है:-

01. ​तत्काल DRCC बैठक:- गेवरा ग्राम के विस्थापन और मुआवज़े पर अंतिम निर्णय लेने हेतु DRCC Meeting अविलंब आयोजित की जाए ।
02. ​समान प्राथमिकता:- गेवरा ग्राम को जरहाजेल डंपिंग और बरमपुर डंपिंग के समान स्तर पर विस्थापन प्रक्रिया में तुरंत शामिल किया जाए ।
03. ​11 साल का मुआवज़ा:- 11 वर्षों से लंबित उनके वैध मुआवज़े का तत्काल और पूर्ण भुगतान सुनिश्चित किया जाए ।

आंदोलन की चेतावनी :-

​ज्ञापन के अंत में ग्रामीणों ने SECL कुसमुंडा प्रबंधन को कड़ी चेतावनी दी है उनका कहना है कि यदि प्रबंधन ने इन महत्वपूर्ण मांगों पर जल्द से जल्द सकारात्मक कार्रवाई नहीं की तो गेवरा के ग्रामीण एक होकर बड़े स्तर पर और निर्णायक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे ।

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