चिंतन और प्रेरणा का दिन - पूर्व विधायक दूजराम बौद्ध

चिंतन और प्रेरणा का दिन - पूर्व विधायक दूजराम बौद्ध
लोरमी (सुघर गांव)। 07 दिसंबर 2025, ग्राम पंचायत जोतपुर विकासखंड लोरमी जिला मुंगेली में बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी के 69 वी महापरिनिर्वाण दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर जी के छायाचित्र पर पूजा - अर्चना पुष्पांजलि कैंडल जला कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। ततपश्चात ऑनलाइन के माध्यम से मुख्य अतिथि के रूप में दूजराम बौद्ध पूर्व विधायक पामगढ़ ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि महापरिनिर्वाण दिवस डॉ.बी.आर.अंबेडकर की परिवर्तनकारी विरासत के लिए श्रद्धांजलि के रूप में बहुत मायने रखता है। बौद्ध साहित्य के अनुसार भगवान बुद्ध की मृत्यु को महापरिनिर्वाण माना जाता है,जिसका संस्कृत में अर्थ 'मृत्यु के बाद निर्वाण' है। परिनिर्वाण को जीवन - संघर्ष,कर्म और मृत्यु तथा जन्म के चक्र से मुक्ति माना जाता है। यह बौद्ध कैलेंडर के अनुसार सबसे पवित्र दिन होता है। समाज सुधारक बाबा साहेब अंबेडकर के अनुसार बुद्ध उनकी विचारधारा और विचारों के मामले में सबसे करीब थे। बाबासाहेब को बौद्ध गुरु माना जाता था,क्योंकि उन्होंने भारत में अस्पृश्यता जैसे सामाजिक अभिशाप का उन्मूलन करने को बहुत बड़ा प्रभाव डाला था। डॉ.अंबेडकर के प्रशंसक और अनुयायी मानते हैं कि वे भगवान बुद्ध जितने ही प्रभावशाली थे,यही वजह है कि उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह शोक मनाने का दिन नहीं है। यह चिंतन और प्रेरणा का दिन है, जो हमें न्यायपूर्ण और समावेशी दुनिया के उनके दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का आह्वान करता है। कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे हैं शैलेश कुर्रे व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डांडगांव ने कहा कि राष्ट्र निर्माता के रूप में आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ.अंबेडकर का योगदान भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता के रूप में उनकी भूमिका से कहीं आगे है। उन्होंने एक ऐसे राष्ट्र की कल्पना की थी,जो न केवल राजनीतिक लोकतंत्र को कायम रखे बल्कि सामाजिक और आर्थिक न्याय भी हासिल करने को सुनिश्चित करे। उनकी गहरी बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता ने प्रमुख आर्थिक और सामाजिक ढांचों को प्रभावित किया। जिससे वे स्वतंत्र भारत के शासन और विकास को आकार देने में मील का पत्थर साबित हुआ। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि त्रिलोक कोशले सरपंच प्रतिनिधी ग्राम पंचायत जोतपुर ने कहा कि भीम राव अंबेडकर की डॉक्टरेट थीसिस ने भारत के वित्त आयोग की स्थापना को प्रेरित किया। साथ ही उनके विचारों ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम 1934 के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने और आरबीआई के निर्माण को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे हमारे देश में रोजगार कार्यालयों के संस्थापकों में से एक थे। उन्होंने रोजगार कार्यालयों की स्थापना, राष्ट्रीय विद्युत ग्रिड प्रणाली की स्थापना और दामोदर घाटी परियोजना, हीराकुंड बांध परियोजना और सोन नदी परियोजना जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं जैसे प्रणालीगत प्रगति का समर्थन किया, जिससे बुनियादी ढांचे और संसाधन प्रबंधन में उनकी दूरदर्शिता का पता चलता है। इत्यादि बाते कही। कार्यक्रम को अजीत घृतलहरे,भुवनेश्वर रावल,हेमंत खांडेकर,अश्वा राम अनंत,राजेंद्र सोनकर,विजय कामले,गिरवर कोशले पूर्व सरपंच,धरम कोशले पूर्व उप सरपंच, संतोष यादव इत्यादि लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन विश्वजीत कोशले आभार रविन्द्र कुर्रे ने किए। इस अवसर पर मुख्य रूप से गया प्रसाद कोशले, राजकुमार पाटले पूर्व सरपंच,झुमका कुर्रे,मंगल टंडन,रोहित कामले,जैजैराम कोशले,रामेश्वर साहू,धन्नू बांधे,ललित लहरिया,कोमल कुर्रे,अर्जुन,राजेंद्र कुर्रे,अजय खांडेकर, मालिक खांडेकर,सालिक,धन्नू चतुर्वेदी,रमेश अनंत, बजारू कुर्रे,हरि बंजारा,हरि खांडेकर,सुरेश कुर्रे सहित अधिक संख्या में गणमान्य नागरिक गण उपस्थित रहे।

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