भू - विस्थापित महिलाओं का बड़ा आरोप, “हक की बसाहट राशि दो वरना रहेंगी SECL दफ़्तर में” जिलाध्यक्ष प्रभा सिंह तंवर की कड़ी चेतावनी

भू - विस्थापित महिलाओं का बड़ा आरोप, “हक की बसाहट राशि दो वरना रहेंगी SECL दफ़्तर में” 
जिलाध्यक्ष प्रभा सिंह तंवर की कड़ी चेतावनी
       विष्णु कुमार यादव जिला ब्यूरो 
कोरबा (सुघर गांव)। 27 नवंबर 2025,जिले अंतर्गत महिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) की जिलाध्यक्ष एवं पूर्व जनपद पंचायत कटघोरा की सभापति प्रभा सिंह तंवर ने SECL प्रबंधन को कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि भू - विस्थापित महिलाओं को पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाली बसाहट राशि अब तक नहीं दी गई है, जबकि इस संबंध में कई बार आवेदन भी किया जा चुका है।
 प्रभा तंवर ने अपने ज्ञापन में बताया कि ये गंभीर मुद्दे जिन पर महिलाओं ने जताई नाराज़गी
1. विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को सिर्फ इस कारण बसाहट राशि नहीं दी गई कि उनके बेटे ‘बालिक’ हैं। महिलाओं का सवाल — “क्या पति की मृत्यु का दोष भी महिलाओं का ही है?” 
2. जिन विस्थापित सदस्यों की मौत मकान सर्वे के बाद लेकिन मौजा भुगतान के पहले हो गई, उनके परिवार को मौजा तो मिला पर बसाहट राशि नहीं दी गई।
3. कई महिलाओं के मकान सर्वे में पति के स्थान पर पिता का नाम दर्ज हो गया, जिसके चलते उन्हें भी भुगतान से वंचित कर दिया गया।
4. वर्ष 2010 में बालिग हुए कई भू विस्थापित युवाओं को भी पुनर्वास नीति के तहत बसाहट राशि नहीं मिली।
         15 दिन का अल्टीमेटम 
महिला कांग्रेस ने साफ चेतावनी दी है — “यदि 15 दिनों में सभी पात्र महिलाओं को बसाहट राशि नहीं दी गई, तो हम सभी महिलाएं SECL गेवरा कार्यालय में आकर रहने को मजबूर होंगी। उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी SECL और प्रशासन की होगी।” ग्राम पोड़ी, बाहनपाठ और आमगांव की 75 से अधिक महिलाओं ने इस मुद्दे पर एकजुट होकर न्याय की मांग की है। ज्ञापन की प्रतियां मुख्यमंत्री,राज्य महिला आयोग, कलेक्टर तथा सांसद को भी प्रेषित की गई हैं।

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