मितानिनों का सम्मान,जनसेवा का नया अध्याय - निकिता मुकेश जायसवाल की जमीनी मौजूदगी ने बनाया कार्यक्रम खास
विष्णु कुमार यादव जिला ब्यूरो
कोरबा (सुघर गांव)। 27 नवंबर 2025, जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में इस वर्ष मितानिन दिवस बड़े उत्साह और भव्यता के साथ मनाया गया। उतरदा, भलपहरी, नोनबिर्रा, बोकरमुडा और मुक्ता जैसी पंचायतों में आयोजित इस कार्यक्रम ने स्वास्थ्य विभाग और आम जनता के बीच सेतु का काम कर रही मितानिनों के योगदान को न केवल उजागर किया, बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बना।
मुख्य आकर्षण - निकिता मुकेश जायसवाल कार्यक्रम की शोभा मुख्य अतिथि और जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि श्रीमती निकिता मुकेश जायसवाल की उपस्थिति से और बढ़ गई। उन्होंने मितानिनों को श्रीफल और साड़ी भेंट कर सम्मानित किया और उनके योगदान की खुले दिल से सराहना की। निकिता जी की जमीनी कार्यशैली, सहजता और हर वर्ग के साथ आत्मीय संवाद ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक—हर किसी के साथ उनका जुड़ाव लोगों के दिलों को छू गया।
जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों की उपस्थिति
कार्यक्रम में विभिन्न पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच, पंचगण, महिला समूह और बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे। उतरदा सरपंच लक्ष्मी सुंदर सिंह, उपसरपंच राकेश जयसवाल, सचिव ईश्वर सिंह पोर्ते,पंच मुकेश बर्मन,भलपहरी - सरपंच पुष्पलता पोर्ते, सावित्री कामता, प्रसाद सिंह मरावी, नोनबिर्रा - उपसरपंच दुर्गेश कुमार यादव, प्रहलाद राठौर, पंच गण - नवरत्न सिंह राजपूत, दुर्गाशंकर पटेल, शिवरतन राठौर, राहुल राठौर
मितानिनें - मंजुलता राठौर, शांति बाई खांडे, ममता राठौर, प्रेमा जाटवर, तारा राठौर, उर्मिला श्रीवास और अन्य महिला समूह एवं ग्रामवासी बड़ी संख्या में शामिल रहे, जिससे कार्यक्रम का उत्साह और बढ़ गया।
“मितानिनों का सम्मान हमारी प्राथमिकता”
निकिता मुकेश जायसवाल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा - “मितानिनें हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। जिस समर्पण से वे हर घर तक सेवा पहुंचाती हैं, वह प्रशंसनीय है। आने वाले समय में मितानिन दिवस सिर्फ पंचायतों में ही नहीं, पूरे जिले में बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।” उनकी इस घोषणा के साथ कार्यक्रम स्थल पर उत्साह और तालियों की गूंज लंबे समय तक बनी रही।
निकिता मुकेश जायसवाल - जमीन से जुड़ी नेतृत्व शैली
निकिता की नेतृत्व शैली को क्षेत्र में मिसाल माना जाता है l हर उम्र और हर वर्ग के साथ आत्मीय संवाद, जनता के बीच लगातार मौजूदगी, समस्याओं को तुरंत सुनने और समाधान की पहल, महिलाओं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रति विशेष संवेदनशीलता,इन गुणों के कारण उन्हें ग्रामीणों का विश्वास और अपनापन
निष्कर्ष
इस वर्ष का मितानिन दिवस केवल सम्मान का अवसर नहीं रहा, बल्कि एकता, सहयोग और सेवा भाव का जीवंत उदाहरण भी बन गया। ग्रामीणों का उत्साह और जनप्रतिनिधियों का समर्थन साफ दर्शाता है कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी भव्य रूप लेगा।
0 Comments