मुंगेली से संवाददाता पिताम्बर खांडे
मुंगेली - मुंगेली धान खरीदी हेतु किसानो के पंजीयन के लिए 31 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है जिन किसानों का पंजीयन छूट गया है उनका शत प्रतिशत पंजीयन सुनिश्चित करने के लिए जिले के विभिन्न गांवों के धान खरीदी केंद्रों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है। भू अभिलेख शाखा के प्रभारी अधिकारी जी. एल. यादव ने बताया कि जहां पर मैपिंग में समस्या आ रही है वहां शिविर लगाकर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के लौदा, जोता, पौसरी, मोहभट्ठा, बेलखुरी, बदरा ब, पेण्ड्रीकला, अमलीडीह, खाम्ही, डिंडोरी, नवागांव, राम्हेपुर, मनोहरपुर, भालूखोंधरा गांव में शिविर लगाकर किसानों का पंजीयन किया जा रहा है।
पहचान पत्र से विभिन्न योजनाओं को मिलेगा लाभ -
कृषक पंजीयन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य किसानों एवं भू स्वामियों की एक व्यापक और एकीकृत पंजीयन सुनिश्चित करना है ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक कुशलतापूर्वक पहुंच सके। कृषक पंजीयन कृषि भूमि धारक के पहचान पत्र को भूमि स्वामित्व के साथ जोड़कर कृषक को सत्यापित करती है। इससे केंद्र सरकार की पीएम किसान योजना, फसल बीमा योजना, सहित राज्य की धान खरीदी जैसी महत्वपूर्ण योजना का लाभ सुनिश्चित होगा। किसान पंजीयन के लिए भू स्वामी होने से संबंधित दस्तावेज जैसे बी-1 ,खसरा, ऋण पुस्तिका, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर के माध्यम से आसानी से अपना पंजीयन कर सकते हैं।
किसान बिना ऋण पुस्तिका के बेच सकेंगे धान -
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा संचालित एग्रीस्टेक पोर्टल के माध्यम से अब किसानों से धान उपार्जन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। यह व्यवस्था किसानों को पारदर्शी और सरल प्रणाली प्रदान करने के उद्देश्य से लागू की जा रही है। इस प्रणाली के तहत पंजीकृत किसानों से भारत सरकार द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप धान की खरीदी की जाएगी। उपार्जन हेतु किसानों को अब ऋण पुस्तिका लाने की आवश्यकता नहीं होगी। किसान अपनी एग्रीस्टेक पंजीकरण आई.डी.के माध्यम से उपार्जन केन्द्रों में धान विक्रय कर सकेंगे। इससे किसानों को न केवल बड़ी सुविधा मिलेगी, बल्कि धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता भी सुनिश्चित होगी।
भूमिहीन व पट्टा प्राप्त किसानों और कोटवारों को पंजीयन से मिलेगी छूट -
अपर कलेक्टर जी.एल.यादव ने बताया कि एग्रीस्टेक पोर्टल पर पंजीयन करवाने वाले कृषकों के लिए यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। वहीं कुछ विशेष श्रेणियों के कृषकों जैसे संस्थागत पंजीयन वाले भूमिहीन किसान (अधिया/रेग), डुबान क्षेत्र के किसान, वन अधिकार पट्टा प्राप्त किसान और ग्राम कोटवार (शासकीय पट्टेदार) आदि को छूट प्रदान की गई है, हालांकि, यह छूट केवल उसी स्थिति में लागू रहेगी, जब संबंधित भूमि पर गिरदावरी एवं भौतिक सत्यापन के आधार पर फसल का वास्तविक आकलन किया गया हो। किसी भी परिस्थिति में बिना सत्यापन के फसल खरीदी नहीं की जाएगी। इस व्यवस्था से किसानों को धान उपार्जन केंद्रों में बार-बार दस्तावेज़ी प्रक्रिया से गुजरने की परेशानी नहीं होगी। साथ ही, राज्य एवं केंद्र सरकार की कृषि नीतियों के अंतर्गत खरीदी प्रक्रिया में तकनीकी पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित होगी।



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