कोरबा (सुघर गांव)। न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए दुकान से बेदखली के एक प्रकरण में दूसरे पक्ष को लाभ दिलाते हुए फरियादी के साथ धमकी-चमकी और भयादोहन के मामले में तत्कालीन बाँकीमोंगरा थाना के प्रभारी और वर्तमान सिविल लाइन थाना टीआई निरीक्षक प्रमोद डडसेना के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है। हाईकोर्ट बिलासपुर के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जज रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डबल बेंच द्वारा दी गई फटकार और निर्देश के बाद तत्काल प्रभाव से अपराध पंजीबद्ध 17 जनवरी 2025 को किया गया। चीफ जस्टिस ने साफ तौर पर कहा कि पहले एफआईआर दर्ज करें फिर बात होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट के आदेशों का पालन करने में हीला हवाला ना किया जाए। इस मामले में वह पुलिस वाला है इसलिए FIR नहीं की जा रही होगी इसलिए पहले FIR दर्ज करें।
इधर FIR दर्ज होने के बाद निरीक्षक डडसेना अवकाश पर चले गए
अभी तक उन्हें लाइन अटैच करने संबंधी आदेश भी जारी नहीं किया जा सका है। विधिक जानकारों के मुताबिक गैर जमानती धारा में उनकी गिरफ्तारी भी होना है। इस मामले में निचली अदालत ने गत दिनों 03 जनवरी 2025 को कोरबा पुलिस अधीक्षक को आदेश किया था कि अपराध दर्ज कर अन्वेषण उपरांत प्राप्त आधारों पर अपना अंतिम प्रतिवेदन 04 फरवरी 2025 तक प्रस्तुत करें, लेकिन FIR दर्ज नहीं की जा रही थी जिस पर हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया गया था।
पूर्व में हुआ था आदेश
विचाराधीन इस परिवाद प्रकरण में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा रूपल अग्रवाल ने फरियादी की ओर से परिवाद पत्र 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रस्तुत मामले में विचारण पश्चात यह आदेश दिया था। तत्कालीन थाना प्रभारी प्रमोद डडसेना पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए किराएदार के प्रभाव में आ कर उसके साथ मिलकर न्यायालयीन आदेश की अवहेलना/अवमानना करते हुए मकान मालिक रामलाल चौहान के दुकान में अवैध प्रवेश कर धमकाते हुए उसका भयादोहन करने तथा उसे थाने में अवैध तरीके से ले जा कर 02 घंटे तक परिरुद्ध रखने पर धारा 166, 451, 384, 506, 34 भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध दर्ज कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया था। साथ ही हेतराम साहू के विरुद्ध भी धारा 451,384,34 भादवि का जुर्म दर्ज करने आदेशित किया गया था। इन दोनों पर अब जाकर जुर्म दर्ज किया गया है।
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