विष्णु कुमार यादव जिला ब्यूरो
कोरबा (सुघर गांव)। 11 दिसंबर 2025, जिले में कटघोरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बतारी के आश्रित ग्राम नेहरू नगर हाई स्कूल में आयोजित सरस्वती साइकिल वितरण समारोह आज सिर्फ एक शैक्षणिक कार्यक्रम नहीं रहा - यह बेटियों के भविष्य को नई दिशा देने वाला सशक्तिकरण का ऐतिहासिक क्षण बन गया।
कार्यक्रम की ऐतिहासिक गरिमा बढ़ी जब मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे
राजू लाल श्रोते सरपंच ग्राम पंचायत बतारी एवं अध्यक्ष सरपंच संघ कटघोरा, प्रेमलाल कंवर, पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती लता मुकेश कंवर, मनीराम निर्मलकर, राजेश कुमार स्कूल के प्रधान पाठक शिक्षक-शिक्षिकाएँ और सैकड़ों छात्र-छात्राएँ इस प्रेरणादायी अवसर के साक्षी बने।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएँ
बेटियों को मिली स्वतंत्र कदमों की दिशा - साइकिल वितरण केवल एक साधन नहीं, बल्कि उन छात्राओं के लिए दूरी, सुरक्षा और अवसर की नई परिभाषा बनकर सामने आया है जो उच्च शिक्षा तक पहुँचना चाहती हैं।
नेतृत्व की संवेदना से जन्मी एक दूरदृष्टि
कार्यक्रम के संचालन और प्रस्तुति में वह दृष्टि स्पष्ट झलकती है जो ग्रामीण शिक्षा को सिर्फ सुविधाओं से नहीं, बल्कि सशक्त अवसरों से जोड़ने की क्षमता रखती है।
शिक्षा और विकास को जोड़ने वाला मॉडल
यह पहल ग्रामीण क्षेत्र में चल रहे उन प्रयासों का जीवंत उदाहरण है जिसमें स्कूल, पंचायत और समाज मिलकर बच्चों के भविष्य को आकार दे रहे हैं।
आयोजन में दिखा सामुदायिक एकजुटता का शानदार उदाहरण
स्कूल प्रबंधन, जनप्रतिनिधि, अभिभावक और बच्चों की संयुक्त उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक उत्सव का स्वरूप दिया—जहाँ हर चेहरा नई उम्मीद से चमक रहा था।
पब्लिक लीडरशिप की नई परिभाषा
मुख्य अतिथि राजू लाल श्रोते के संबोधन में वह स्पष्ट और प्रभावी सोच दिखाई दी जो ग्रामीण विकास के अगले दशक की दिशा तय करने में सक्षम है - जहाँ शासन नहीं, सहभागिता बोलती है; और सुविधा नहीं, अवसर बढ़ते हैं।
आयोजन का व्यापक संदेश
नेहरू नगर हाई स्कूल में आयोजित यह कार्यक्रम यह सिद्ध करता है कि “गाँवों की बेटियाँ जब आगे बढ़ती हैं, तब राष्ट्र नए अध्याय लिखता है।” साइकिल की चाबियों के साथ मिली यह प्रेरणा आने वाले वर्षों में इन छात्राओं के जीवन में सुनहरे अध्याय जोड़ेगी।
समापन
बतारी पंचायत और नेहरू नगर हाई स्कूल के संयुक्त प्रयास से आयोजित यह समारोह ग्रामीण भारत की उस उभरती तस्वीर को सामने लाता है जहाँ शिक्षा सिर्फ कक्षाओं तक सीमित नहीं—बल्कि अवसर, आत्मनिर्भरता और भविष्य निर्माण का सबसे शक्तिशाली माध्यम बन चुकी है।
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