शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना कर दीपका, कुसमुंडा,गेवरा SECL में हुआ भर्ती घोटाला.
जावेद अली आज़ाद/ ब्यूरो प्रमुख छत्तीसगढ़
कोरबा (सुघर गांव)। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड भारत मिनी रत्न से सम्मानित एसईसीएल भर्ती घोटाला लगातार सुर्खियों में रहा है। सन 1990–95 के मध्य एसईसीएल में भर्ती संबंधित मामले पर उक्त व्यक्तियों ने शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना करते हुए एसईसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत से कुसमुंडा, दीपका, गेवरा में भारीभरकम फर्जी भर्ती घोटाला किया गया है।
फर्जी भर्ती हासिल कर आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया है जिसमें, संचालनाय रोजगार प्रशिक्षण पंजीयन, फर्जी अंकसूची, फर्जी जाति प्रमाण पत्र, फर्जी भू संबंधित ऋण पुस्तिका, फर्जी नामांकन पत्र, शपथ पत्र, पारिवारिक पहचान छुपाने संबंधित अन्य तमाम शासकीय दस्तावेजों में नाम फेरबदल सहित अन्य की भूमि के स्वामी का नाम उपयोग तथा भू स्वामी को खुद का पिता बनाकर अपने फर्जी दस्तावेज में लेखा–जोखा कर वर्तमान में नौकरी की जा रही है। इसी प्रकार एसईसीएल के जिम्मेदार और जवाबदार अधिकारियों की मिली भगत से इस प्रकार की फर्जी भर्ती करवाई है। जो की पूरी तरह जालसाजी है वर्तमान में एसईसीएल के अधिकारी और आरोपी इन क्षेत्रों में नौकरी कर रहे हैं। कुछ महीना पहले फर्जी भर्ती को लेकर हमारे द्वारा प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गई थी जिस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा धोखाधड़ी, जालसाजी, कूटरचना से संबंधित दस्तावेजों का उपयोग करने संबंधित अन्य मामलों पर तत्काल एफआईआर कर सीधा फौजदारी का मामला बताया है।
जमीन घोटाला, अपराध या "राजस्व विवाद" नहीं सीधा फौजदारी मामला..
फर्जी दस्तावेज बनाना सरकारी रिकॉर्ड में छेड़छाड़, अवैध बिक्री व अतिक्रमण यह सभी संज्ञेय अपराध है जिन पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच करना कानूनी दायित्व है। सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण निर्णय स्पष्ट करते है कि जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जी रजिस्ट्री जैसे मामलों में एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है। जिस संबंध में कुछ दिनों पहले सीबीआई ने दीपका क्षेत्र में छापामार कार्यवाही की है। परंतु अभी भी कुछ फर्जी भर्ती किए गए उक्त आरोपी व्यक्तियों की कार्यवाही नहीं हुई है जिस संबंध में हमारी टीम बहुत जल्द ही एसईसीएल भर्ती घोटाला मामले के आरोपियों के नाम उजागर करेंगे।


0 Comments