नाका लगने के पहले ही बिचोलिया अलग-अलग जगह में कर रहे धान डंपिंग

नाका लगने के पहले ही बिचोलिया  अलग-अलग जगह में कर रहे धान डंपिंग
   युवा पत्रकार देशबंधु नेताम
 देवभोग (सुघर गांव)। 26 अक्टूबर 2025,
जिले गरियाबंद में समर्थन मूल्य में शासकीय खरीदी से पहले इन दिनों सेठ साहूकार के साथ - साथ गांव - गांव के कोचिया का धान मुख्यालय के मंडी सहित अपने अपने ठिकानों पर उड़ीसा का धान डंप कर रहे है।
 ताकि उक्त धान उपार्जन केंद्रों में समर्थन मूल्य पर खफ़या जा सके अगर देवभोग मुख्यालय के बात करे तो मंडी के कॉम्प्लेक्स में उड़ीसा का धान भरा जा रहा है। इसके नागलदही इलाके में किसानों के घर पर भारी मात्रा धान डंप हुआ है। इसी तरह झाखरपारा इलाके में भी उड़ीसा का धान रोजाना सफलाई हो रहा है।
 मतलब जितना खेतों धान कटाई मिझाई नहीं हुई हैं उससे अधिक उड़ीसा का धान मुख्यालय सहित ब्लॉक के गांव गांव में पहुंच चुका हैं। आपको बता दे कि ब्लॉक के जितने हेक्टेयर की पंजीयन होती हैं उतना धान नहीं हो पाता बहुत कम किसान ही 15 से 20 क्विंटल धान उत्पादन कर पाते है। ऐसे में बचे रकबा पर सेटिंगबाज सेठ साहूकार एवं कोचिया उड़ीसा से 2 हजार 21 सौ में धान लाकर समर्थन मूल्य में धान बेच कर लाखों करोड़ों कमा लेते है। इससे बड़े - बड़े किसानों के बीच उड़ीसा का धान ऊंचे दाम बेचने से भी पीछे नहीं होते शायद यही वजह की साल दर साल धान कारोबारियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिससे स्थानीय प्रशासन भी अवगत है। 
व्यापारियों की सेटिंग आम किसान कार्यवाही की भेंट 
बीते साल देवभोग झाखरपारा दीवानमुड़ा खुटगांव केन्टपदर सहित गांव के बड़े बड़े व्यापारियों का धान खुलेआम बॉडर पार कर मुख्यालय सहित सेठ साहूकार कोचिया के ठिकानों पर पहुंचता रहा। लेकिन वही गांव -  गांव छूट मूठ किसानों को अपने पट्टे पर धान की कमी को पूर्ति के लिए उड़ीसा से धान लाने पर कार्यवाही का डंडा तेजी से चलाते देखा गया। महीनों - महीनों बाद धान से लदी गाड़ी को छोड़ा जाता रहा। जबकि व्यापारियों के गाड़ी को मौके पर या रास्ते धान की जगह भूसा देखते मिला और इस बार भी इस तरह का जुगाड लगाने के लिए धान कारोबारी ने एंडी चोटी का जोर लगाया है।

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