अज्ञात व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति को तोड़ा, मां मूर्ति का अपमान..
छत्तीसगढ़ राज्य के छत्तीसगढ़ियों की अस्मिता पर सीधा वार..
रायपुर(क्राइम रिपोर्ट)। रायपुर क्षेत्र के वीआईपी चौक तेलीबांधा स्थित विराजमान छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को किसी अज्ञात,असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया है। महतारी मूर्ति को नुकसान पहुंचाते हुए हमलावरों ने मूर्ति का सिर तोड़ दिया और उसे दीवार से उखाड़ कर ज़मीन पर फेंक दिया। छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति, छत्तीसगढ़ राज्य की अस्मिता और स्वाभिमान का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ियों की अस्मिता, स्वाभिमान, लोक संस्कृति और रीति–रिवाज,अन्य पर सीधा वार है। ये अज्ञात,नकाबपोशो ने छुपकर कायरों की तरह अपनी कूटनीति से मूर्ति को ध्वस्त कर कहीं न कहीं छत्तीसगढ़ियों को निचा दिखाने का प्रयास किया गया है।
समस्त शासकीय विभागों में छत्तीसगढ़ महतारी की मूरत है विराजमान–
समस्त शासकीय विभागों में छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति, बैनर, पोस्टर अन्यथा महतारी मूर्ति रूप लगाने को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने निर्देशित कर अनिवार्य किया गया है, बावजूद असामाजिक तत्वों के व्यक्तियों ने मूर्ति का खंडन कर यह सिद्ध कर दिया है कि छत्तीसगढ़ राज्य और छत्तीसगढ़ियों से उन्हें कितनी जलन है। बता दें कि छत्तीसगढ़ महतारी की मूरत समस्त छत्तीसगढ़ राज्य में विराजमान है।
राज्य के गैर राजनीतिक संगठन छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना के कार्यकर्ताओं ने आशंका जताई है कि यह निंदनीय कार्य अंधविश्वासी और अन्य प्रांत के व्यक्तियों के द्वारा महतारी मूर्ति को दो भागों में विभाजन की गई है। समूचे भारतवर्ष में पूज्यनीय बाबा भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी, अन्य महात्माओं की मूर्ति विराजमान है, इसी प्रकार छत्तीसगढ़ राज्य में भी छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति चौक चौराहों पर विराजमान है। छत्तीसगढ़ राज्य को भी मां (महतारी) का दर्जा प्राप्त मूर्ति को तोड़कर विभाजन करना आत्मा को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है।
अन्य राज्यों की तरह अब छत्तीसगढ़ राज्य में भी मूर्ति तोड़ने का काम आसामाजिक तत्व कर रहे हैं, इसी राज्य में रहकर मां महतारी सम्मान का खंडन करते हुए आखिर ये लोग क्या साबित करना चाहते हैं.? रायपुर राजधानी में इस प्रकार की घटना घटित होना जिला प्रशासन की लापरवाही कहें या फिर एक चूक।
यह सनसनी मामला समूचे छत्तीसगढ़ राज्य में विस्फोट की तरह फैल चुकी है छत्तीसगढ़ निवासरत छत्तीसगढ़ियों ने प्रशासन से मूर्ति विभाजन व खंडन करने वाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई कर दोषियों को पुलिस रिमांड पर भेजने की बात कही गई है।




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