लोरमी के मानस मंच एक करोड़ 75 लाख लोकार्पण, सिर्फ दिखावे का और दूसरी तरफ जनता को ठगाने की भी त्यारी कर ली गई है deputy CM के द्वारा,88 करोड़ 65 लाख का भूमि पूजन से होंगी भ्रष्टाचार की शुरुआत...

 


मुंगेली/लोरमी - लोक निर्माण विभाग द्वारा विधानसभा क्षेत्र लोरमी में लगभग ₹120.65 करोड़ की लागत से बनने वाले विकास कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव थे, जिन्होंने इन कार्यों का शुभारंभ किया।हालांकि, इस भव्य आयोजन को लेकर क्षेत्र में विरोध और असंतोष के स्वर उठने लगे हैं। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि जिन सड़कों और निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया जा रहा है, उनमें कई कार्य अभी शुरू ही नहीं हुए हैं या अधूरे पड़े हैं, फिर भी सरकारी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।

दीप धुव, कार्यवाहक जिला अध्यक्ष, गोंडवाना पार्टी लोरमी, ने आरोप लगाया कि “विधानसभा क्षेत्र के कई मार्ग जैसे — लोरमी मुख्य मार्ग पेट्रोल पंप से नवागांव-झौथा, बोडतरा कला से राम्हेपुर होते हुए नवरंगपुर — अब भी गड्ढों में तब्दील हैं। लेकिन विभाग इन्हीं मार्गों का लोकार्पण कर जनता को भ्रमित कर रहा है।”

लोरमी क्षेत्रवासी - 

ग्रामीणों ने बताया कि शासन-प्रशासन केवल कागज़ों में विकास दिखा रहा है, जबकि स्थलीय स्तर पर कार्यों की स्थिति निराशाजनक है। कई लोगों ने कहा कि विभागीय अधिकारी बिना निरीक्षण किए ही रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि - 

जनप्रतिनिधियों ने भी कहा कि करोड़ों की लागत से स्वीकृत योजनाओं के बावजूद गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। निर्माण एजेंसियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं — क्या सभी कार्य विधिवत टेंडर प्रक्रिया के तहत स्वीकृत हुए हैं, यह स्पष्ट नहीं है।

ग्रामीणों का कहना है कि “विकास के नाम पर मंच तो सजे हैं, लेकिन ज़मीन पर हकीकत कुछ और है।” किसानों ने भी मांग की है कि विभाग लोकार्पण से पहले अधूरे एवं रुके हुए कार्यों को पूर्ण कराए।

ज्ञात हो कि उक्त कार्यक्रम का आयोजन 29 अक्टूबर 2025, बुधवार, शाम 4:00 बजे मानस मंच, लोरमी में किया गया था, जिसकी मेजबानी लोक निर्माण विभाग, मुंगेली संभाग द्वारा की गई।

अब क्षेत्रवासी यह देखना चाहते हैं कि क्या यह “लोकार्पण समारोह” सचमुच विकास की शुरुआत का प्रतीक बनेगा या फिर केवल एक राजनीतिक औपचारिकता साबित होगा।

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