खनिज निरीक्षक बोले – “ऐसा कोई प्रावधान नहीं, फिर भी चल रहा वसूली तंत्र
विष्णु कुमार यादव जिला ब्यूरो
कोरबा (सुघर गांव)। 31 अक्टूबर 2025,
जिले के उरगा खनिज जांच नाका में खुलेआम अवैध वसूली का खेल चल रहा है। यहां पदस्थ कर्मियों द्वारा हर गुजरने वाले वाहन चालक से ₹20 नकद वसूला जा रहा है,जबकि विभागीय आदेश या विधिक प्रावधान ऐसा कोई नहीं है। वीडियो फुटेज में स्पष्ट दिखता है कि नाके पर न तो खनिज जांच होती है,न ही वाहन तौल (कांटा) किया जाता है। कर्मचारी सड़क किनारे खड़े होकर चालकों से ₹20 लेकर कागजात देखने का दिखावा करते हैं और फिर वाहन को आगे बढ़ने की अनुमति दे देते हैं।जब इस संबंध में खनिज निरीक्षक से पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट कहा - “विभाग में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि जांच नाका में वाहन चालकों से ₹20 वसूला जाए। ”यह बयान यह दर्शाता है कि वसूली पूरी तरह अवैध है और विभाग की जानकारी से परे हो रही है। सवाल यह उठता है कि यदि विभाग अनजान है,तो यह रकम किसकी जेब में जा रही है? गौरतलब है कि भैंसामुड़ा, तरदा,कटबितला, चिचोली (सतीगुड़ी) सहित आसपास के क्षेत्रों में अवैध रेत परिवहन धड़ल्ले से जारी है। बावजूद इसके खनिज विभाग की कार्यवाही नगण्य दिखाई दे रही है।
वाहन चालकों की पीड़ा
“हमसे ही वसूला जाता है, मजबूरी में देना पड़ता है!” स्थानीय नागरिकों को भले सीधी परेशानी न हो,लेकिन सबसे अधिक मार ड्राइवरों पर पड़ रही है।
कई चालकों ने बताया कि - “हम रोज़ मेहनत कर पेट पालते हैं। ऊपर से ये ₹20 - ₹50 की जबरन वसूली हमारी खून - पसीने की कमाई को दलालों की जेब में डाल देती है।” वाहन चालकों का कहना है कि जो ना देने की कोशिश करते हैं,उन्हें बेवजह रोक कर डराया या वापस लौटा दिया जाता है। ऐसी स्थिति में अधिकांश ड्राइवर मजबूरी में नकद देकर रास्ता खरीदते हैं।
मांगें और सुझाव
1. उरगा नाका में तैनात कर्मियों की तत्काल जांच व निलंबन किया जाए।
2. वीडियो फुटेज को साक्ष्य के रूप में लेकर पुलिस कार्रवाई की जाए।
3. संयुक्त जांच समिति (खनिज, राजस्व, पुलिस विभाग) गठित की जाए।
4. नाके पर सीसीटीवी और डिजिटल रसीद प्रणाली लागू की जाए ताकि नकद वसूली बंद हो।
5. दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही और आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
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