नगर पंचायत मल्हार सीएमओ को दी अभद्र गालियाँ,फिर कार्यालय में धक्का देकर छीना मोबाइल,शासकीय काम में बाधा का गंभीर मामला दर्ज
मस्तूरी (सुघर गांव)। 27 अप्रैल 2025,
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की नगर पंचायत मल्हार में उस समय सनसनी फैल गई जब मनीष सिंह ठाकुर मुख्य नगरपालिका अधिकारी को एक शासकीय बैठक के दौरान खुलेआम अभद्र गालियाँ दी गईं। मोबाइल पर जान से मारने की धमकी दी गई और बाद में कार्यालय परिसर में धक्का-मुक्की कर उनका मोबाइल फोन जबरन छीन लिया गया। इस गंभीर घटना में नगर पंचायत मल्हार अध्यक्ष के पति धनेश्वर केवट और राजकुमार वर्मा नामक व्यक्ति शामिल हैं, जिनके खिलाफ सीएमओ ने पुलिस चौकी मल्हार में लिखित शिकायत दिया है।
क्या हुआ था घटना के दिन?
गत दिनांक 25 अप्रैल को अमृत मिशन 2.0 के कार्य प्रारंभ के अवसर पर सीएमओ द्वारा सभी पार्षदों और अध्यक्ष को आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम के बाद सभाकक्ष में जल समस्या और अन्य विषयों पर चर्चा के उपरांत मनीष सिंह ठाकुर सीएमओ अपने कक्ष में लौटे।
कुछ देर बाद अध्यक्ष पति धनेश्वर केवट और उनकी पत्नी नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती धनेश्वरी केवट वहाँ पहुँचे। बातचीत के दौरान धनेश्वर केवट ने सीएमओ को कहा कि वे किसी व्यक्ति से बात करें,और राजकुमार वर्मा के मोबाइल से कॉल कर फोन उनके हाथ में थमाया गया। जैसे ही सीएमओ ने फोन कान पर लगाया,दूसरी ओर से राजकुमार वर्मा द्वारा अभद्र गालियाँ देते हुए कहा कि तू पीआईसी की बैठक क्यों नहीं बुला रहा है?
02 दिन में तुझे हटवा दूँगा...
तुझे और तेरे बाप को पीआईसी बनानी पड़ेगी!"
घबरा कर मनीष सिंह ठाकुर सीएमओ ने फोन काटा और बाहर निकल कर कहा कि वे इस फोन को पुलिस को सौंपेंगे ताकि अपशब्द बोलने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो सके। इस पर धनेश्वर केवट ने सीएमओ को धक्का दिया,कॉलर पकड़ा और फोन छीन लिया।
कौन है राजकुमार वर्मा? पहले भी जुड़ चुका है घोटालों से नाम
जिस राजकुमार वर्मा का नाम इस पूरे विवाद में सामने आया है,वह कोई नया चेहरा नहीं है।
वर्ष 2012 - 13 में मल्हार के ही धान खरीदी केंद्र में लगभग 03 करोड़ के घोटाले का वह मुख्य आरोपी था। उस समय दर्ज एफआईआर में राजकुमार वर्मा का नाम प्रमुख रूप से सामने आया था,लेकिन आज तक वह पुलिस रिकॉर्ड में 'फरार' है। अब जब 2024 - 25 में भी मल्हार में 03.05 करोड़ रूपये का नया धान घोटाला उजागर हुआ है,ग्रामीणों में यह आशंका फिर से जन्म ले चुकी है कि राजकुमार वर्मा कहीं इस नई हेराफेरी के पीछे भी सक्रिय भूमिका में तो नहीं? उसकी पुनः प्रशासनिक दखल और नगर पंचायत मल्हार के उच्च पदाधिकारियों से नजदीकी इस संदेह को और बल दे रही है।
घटना के गवाह और सबूत
इस घटना के गवाह उप अभियंता के.एन.उपाध्याय, उपाध्यक्ष सुशील चौबे तथा कई पार्षद और ठेकेदार हैं,जिन्होंने मनीष सिंह ठाकुर सीएमओ के आरोप की पुष्टि किया है। घटना स्थल पर मौजूद रहे सभी ने इस कृत्य को शासकीय कार्य में बाधा एवं अधिकारियों को भयभीत करने का प्रयास बताया है।
क्या बोले मनीष सिंह ठाकुर सीएमओ ?
मैं अपने दायित्वों का पालन कर रहा था। जब नियम विरुद्ध पीआईसी गठन के कारण एजेंडा जारी नहीं किया गया,तब मुझ पर निजी हमला किया गया।
मुझे धमकाया गया,गालियाँ दी गईं और फिर सार्वजनिक रूप से धक्का देकर मेरा फोन छीन लिया गया।
मैं भयभीत हूँ और चाहूंगा कि आरोपियों पर सख्त कानूनी कार्यवाही होना चाहिए।
प्रशासन और पुलिस पर टिकी निगाहें
अब निगाहें प्रशासन और पुलिस पर सीएमओ जैसे वरिष्ठ अधिकारी के साथ ऐसी अभद्रता यदि खुलेआम कार्यालय परिसर में होती है,तो यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे पर सवाल है। अब सवाल उठता है कि क्या पुलिस आरोपियों के खिलाफ तत्काल IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज करेगा ? क्या राजकुमार वर्मा जैसे पुराने और फरार आरोपी,अब भी सत्ता और सिस्टम में दखल देंगे? समाचार प्रकाशन के बाद आगे देखना होगा क्या सख्त कार्यवाही होता हैं या आरोपियों को संरक्षण मिलता है।
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