पत्रकारों के संरक्षण करने राज्य सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए : मणिशंकर दिवाकर

   बेमेतरा (सुघर गांव) 11 जनवरी 2025  छत्तीसगढ़ नहींं पूरे भारत देश की जनता को झंकझोर देने वाली घटना जो हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में बीजापुर जिला में मुकेश चंद्राकर पत्रकार की बेरहमी से हत्या कर दिया जो कितना दुखदायी है। आज यहां किसी समाज धर्म समुदाय की बात नहीं विशेष रूप से कहा जाये जो इंसानियत एवं मानवता की बात है। आज कल की दैनिक समय में समाज परिवार देश राज्य के लिए पत्रकार विशेष अंग जो कि स्वतंत्र पत्रकार क्योंकि देश दुनिया में लोकतंत्र का चौथा स्तंभ का नाम दिया जाता है। पत्रकारिता को वास्तविक में समाज का विशेष अंग के रूप में स्वीकार किया एवं माना जाता हैं जो सत्य है। आज हम भारत समसामयिक घटनाओं,लोगों, और मुद्दों से जुड़ी अन्य जानकारी को एकत्र करके जनता तक पहुंचाते हैं और देश समाज को रूबरू कराते हैं। पत्रकारिता एक पेशा है और इसमें कई तरह के काम होते हैं। पत्रकारो को कोई विशेष पारिश्रमिक वेतन नहीं मिलता केवल मेहनत और अपनी पत्रकारिता के आधार पर ही अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं।
 *पत्रकारों के बारे में कुछ खास बातें*
पत्रकारों को रिपोर्टर भी कहा जाता है,पत्रकार समाज के प्रति संवेदनशील होते है,पत्रकारों की एक अलग जीवन शैली दिनचर्या होती है ,पत्रकारों को अपने आस-पास की दुनिया में दिलचस्पी होती है। पत्रकारों को शब्दों के अर्थ और प्रवाह को समझने की विशेष कला समाहित होती है। पत्रकारों को शोध और साक्षात्कार करने की जिज्ञासा होती हैं पत्रकारों की जानकारी को तार्किक और आकर्षक तरीके से पेश करने के सदैव समर्पित होते हैं। पत्रकारों को अपने संपर्क सूत्रों जुड़े रहने की कला होती हैं।
*पत्रकारिता में कई तरह के काम होते हैं*
 जैसे कि संपादन,फोटोग्राफी, और पृष्ठ डिजाइनिंग अन्य क्रियान्वयन को वही महानगरो की भांति हमारे छत्तीसगढ़ राज्य एक पत्रकार की हत्या की खबर राज्य के भारत देश में आग की तरह फैल गई क्योंकि प्रचार - प्रसार अन्य साधनों का दैनिक उपयोग हम सभी नियमित करते हैं। आज के समय में पत्रकार सुरक्षित नहीं इस प्रकार एक स्वतंत्र पत्रकार की हत्यारे को फांसी दी जानी चाहिए और ऐसी घटनाओं पर प्रतिबंध करने के लिए पत्रकारों जिसके अधिकारों एवं सरंक्षण की विशेष नियम लागू करना चाहिए। ताकि ऐसी दुष्कृत्य घटना पर अंकुश लगाया जा सके मैं इस समाचार पत्र के संदेश के माध्यम से शासन- प्रशासन का ध्यान चाहूंगा की उक्त बातों को विशेष रूप से अमल करना चाहिए। उक्त जानकारी प्रेस में देते हुए अपने विचार को अधिवक्ता मणिशंकर दिवाकर बेमेतरा ने सबके सामने रखा।

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