परियोजना अधिकारी इमरान अख्तर पर लगा आरोप...
आखिर कैसे चले परियोजना विभाग भैयाथान ?
बिना निविदा और ईश्तहार के दे दिया गया राशन सप्लाई का काम...
परियोजना अधिकारी के द्वारा अपने ही चहेते कर्मचारी के बेटी के नाम से बनाकर समूह को दे दिया गया राशन सप्लाई का ठेका...
सूरजपुर (सुघर गांव)। 01 दिसंबर 2024,
सूरजपुर जिले के भैयाथान परियोजना कार्यालय मानों इन दिनों सुर्खियों पर है जहा भैयाथान के पदस्थ परियोजना अधिकारी इमरान अख्तर भैयाथान मूल्पदस्थ के साथ साथ परियोजना प्रतापपुर, रामानुजनगर के अतरिक्त प्रभार ग्रहण कार्य कर रहे है वही भैयाथान परियोजना अंतर्गत स्थानीय ग्रामवासी एवं पूर्व में काम कर रहे स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने परियोजना अधिकारी भैयाथान पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सूरजपुर से किया गया है।
स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने कहा है कि उनके द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में गरम भोजन का राशन सामग्री सप्लाई का कार्य किया जा रहा था जिसमें वर्तमान में भैयाथान के परियोजना अधिकारी के द्वारा बिना किसी नोटिस बगैर शिकायत के उनको कार्य से पृथक कर दिया गया।शिकायतकर्ताओं के द्वारा बताया गया कि आवेदन बिना ईश्तहार के अपने चहेते और अपने ही विभाग में काम कर रहे अपने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बेटी और मां के नाम से स्वयं सहायता समूह बना के उनको आदेश कर दिया गया स्थानीय सदस्यों ने अपने शिकायत में बतलाया कि ग्राम भैयाथान में कोई स्वयं सहायता समूह नहीं थी जो 4 किलोमीटर दूर के समूह को कार्य आवंटन किया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अपने ही विभाग में कार्य कर रहे रिटायर्ड पूर्व कर्मचारी को 4 से 5 सेक्टर का कार्य कई समूहों के माध्यम से आवंटन कर दिया है, क्या कमीशन के लालच में विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों के द्वारा अपने ही विभाग के कर्मचारी को आबंटित कर दिया गया। छत्तीसगढ़ के पूर्व सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम संगठन का निर्माण कराया था जिसमें लगभग प्रत्येक ग्राम संगठन में 10 समूह में 100 महिला सदस्यों का एक संगठन होता है जहां उनको भी इस कार्य से वंचित कर दिया गया।
ग्राम संगठन के पदाधिकारी से पूछने पर पता चला कि उनको भी पता नहीं चला कि कब आवेदन मंगाया गया था, अगर ग्राम संगठन को कार्य मिलता तो लगभग 100 से ज्यादा महिलाएं लाभान्वित होती।परियोजना विभाग भैयाथान के एक बाबू के द्वारा गरम भोजन देने के नाम से काफी पैसा ऑनलाइन के माध्यम से तो कुछ नगद भी लिया गया है जिसकी शिकायत भी जिला कार्यक्रम अधिकारी के समक्ष किया गया है जिसकी जांच चल रही है।
सोचने वाली बात यह है कि दूसरी तरफ परियोजना भैयाथान द्वारा अपने ही विभाग के खास लोगों को चयन समिति में जगह दे कर समूह को कार्य दिया गया वो भी बिना ईश्तहार का ना तो कोई विज्ञापन जारी किया गया जिसकी न तो सूचना जनसंपर्क विभाग सूरजपुर में दी गई और ना ही किसी रजिस्टर्ड न्यूज अखबार में इसको प्रकाशन के लिए दिया गया इसके साथ ही भैयाथान के आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रदाय किए जाने वाले पोषक आहार में भी बच्चों के हरि सब्जी नहीं दिया जा रहा है न तो इसकी कभी जांच की जाती है कि हरि सब्जी अगर लिया जा रहा है तो कहा से लिया जा रहा है चुकी पोशाक आहार बच्चों से जुड़ा है इसलिए इनके द्वारा राशन सामग्री का भौतिक सत्यापन करना भी उचित नहीं समझते की सामग्री की गुणवत्ता कैसी है वैसे संबंधित अधिकारी के पास मलाई खाने से फ़ुर्शत मिले तब न जहां साहब तीन- तीन जगह के प्रभार में हैं आखिर कैसे चले परियोजना विभाग भैयाथान ?
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