कोरिया (सुघर गांव) 24 अक्टूबर 2024 सोनहत विकासखण्ड के जनपत सीईओ को ज्ञात नही की कोरिया कलेक्टर ने खण्ड मुख्यालय में ही अधिकारियों को रहने के निर्देश दिए है। इसके बावजूद आदेशो को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से शासकीय संस्था में लगे वाहन से बैकुंठपुर से सोनहत, सोनहत से बैकुंठपुर अपने बसेरा में आना जाना करते है। जबकि इनका कार्य क्षेत्र खण्ड मुख्यालय सोनहत है। वहा रात्रि में ठहरते नही है। शहरी क्षेत्र में बैकुंठपुर में बसेरा जमाए हुए है। 30 किलोमीटर के सफर के कारण दफ्तर में भी साहब लेट लतीफा पहुच रहे है। कई शासकीय कार्य कई घंटों प्रभावित होती है। सीईओ को शासन से वाहन क्षेत्र भ्रमण के लिए दिया गया है उस वाहन से ही साहब बैकुंठपुर से सोनहत आना जाना करते है। जिसकी दूरी आने जाने की एक दिन के 60 किलोमीटर है । एक मोटा मोटा हिसाब का अनुमान लगाए तो साहब महीने में रविवार को छोड़कर 26 दिन अगर कार्यालय पहुचते है तो महीने में दूरी 1560 किलोमीटर बनती है। गाड़ी के एवरेज कम से कम 15 किलोमीटर प्रति लीटर माने तो 104 लीटर डीजल जलता है। 100रु लीटर डीजल मतलब महीने का 10 हजार से ज्यादा रु जल रहा सिर्फ साहब को घर से दफ्तर तक आने जाने में ऐसे में शासन को हर माह अगर 10 हजार का अतिरिक्त भार सहना पड़ रहा मतलब साल का एक लाख से ऊपर अब इस 1560 किलोमीटर का भुकतान साहब महीने में कैसे अर्जेष्ट करते है ये तो भगवान ही मालिक है। पर खुले आंखों से देखे तो शासकीय धन राशि औऱ वाहन का दुरुपयोग नजर आता है। 1560 किलोमीटर साहब महीने में अगर अपने कार्य क्षेत्र में दौरा करें तो ग्रामीणों के कई छोटे छोटे समस्याओं का निदान होता छोटी छोटी समस्याओं को लेकर लोग शिविर लगने का इंतजार नही करते। बहरहाल खबर प्रकाशन के बाद क्या असर होगा हम आपको अगले प्रकाशन में जरूर पढ़ाएंगे।
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