अपने स्वरूप को बनाना जरूरी है - विशेषर खरे .."राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चौथे दिन कैरियर मार्गदर्शन पर हुई परिचर्चा "

अपने स्वरूप को बनाना जरूरी है - विशेषर खरे ..
"राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर के चौथे दिन कैरियर मार्गदर्शन पर हुई परिचर्चा "
      सारंगढ़ (सुघर गांव)। 01 दिसंबर 2025,
सारंगढ़ जिला मुख्यालय के कोसीर के ग्राम कुम्हारी में कोसीर इकाई राष्ट्रीय सेवा योजना की शिविर के 04 वें दिन कैरियर मार्गदर्शन विषय पर चर्चा परिचर्चा का सत्र हुआ। बौद्धिक परिचर्चा सत्र में दोपहर कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार लक्ष्मीनारायण लहरे, व्याख्याता नन्द कुमार बंजारे,विशेषर खरे,विजय महिलाने,तोमर जांगड़े ने छत्तीसगढ़ महतारी,स्वामी विवेकानंद और बाबा साहब डॉ. अम्बेडकर की तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित किए। शिविर के कार्यकम अधिकारी राजकुमार जांगड़े ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ राज्यगीत बजा कर छत्तीसगढ़ महतारी की सम्मान में खड़े हुए। शिविरार्थियों ने कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों का पुष्प गुलदस्ते से स्वागत किया। कैरियर मार्गदर्शन पर शिक्षक तोमर जांगड़े ने प्रकाश डालते हुए बौद्धिक चर्चा की शुरुवात किए। वही व्याख्याता नन्द कुमार बंजारे ने शिविरार्थियों को कैरियर को लेकर उत्साह भरते हुए कहा कि व्यक्तित्व का विकास आपके सोच पर निर्भर करती है आपकी सोच साकारात्म होनी चाहिए।संघर्ष और मेहनत से आप अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते है। कहते हुए अपने अनुभवों को बांटे। व्याख्याता 
विशेषर खरे ने विद्यार्थियों के जीवन के मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा अनुसान आपके जीवन में बदलाव लाते हैं आज आप लोग इस शिविर में सीखने और सिखाने आएं है बाह्य अनुशासन  और आंतरिक अनुशासन ही अपने स्वरूप को बनाना जरूरी है ये दोनों आपके व्यक्तिव को दर्शाती है। हमें समाज में रह कर कैसे आगे बढ़ना है। वहीं निवृत मान शिक्षक थानेश्वर चंद्रा ने राष्ट्रीय सेवा शिविर की अपने गांव में पूर्व में हुए शिविर का याद बताते हुए शिविर के महत्व को बताए और अपने ओर से भोजन का न्योता दिए। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के आसंदी से वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार लक्ष्मीनारायण लहरे ने कहा कि पढ़ लीख लेने से नौकरी नहीं मिलती आज प्रतियोगिता का दौर है। जीवन में मार्गदर्शन से जीवन में बदलाव आते हैं आपके लक्ष्य और उद्देश्य हमेशा साकारात्मक हो शिक्षा पर आप ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें कहते हुए अपने अनुभवों को बांटे। वहीं अंत में वरिष्ठ व्याख्याता विजय कुमार महिलाने ने जीवन के अच्छाई सच्चाई का बोध करते हुए अपनी बात रखे और गीत सुनाए। कैरियर चर्चा परिचर्चा में वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार लक्ष्मीनारायण लहरे,व्याख्याता विशेषर खरे,नंद कुमार बंजारे,तोमर जांगड़े,विजय कुमार महिलाने, थानेश्वर चंद्रा शिविर कार्यक्रम अधिकारी राजकुमार जांगड़े शिविर के विशेष विद्यार्थी के रूप में नरेंद साहू, समीर बंजारे,रुद्राक्ष निषाद,चंद्रमणि श्रीवास,करन यादव, योगिता बरेठ,रितिका महिलाने,नियति यादव,प्रभा कुर्रे की योगदान सराहनीय रही।

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