विष्णु कुमार यादव जिला ब्यूरो चीफ
कोरबा (सुघर गांव) । एनटीपीसी सीपत में कार्यरत दीपका सेलो से लेकर सीपत तक गेट मेन, टली मेन, गैन मेन, किमेंन और पेट्रोलिंग करने वाले मजदूर अब आंदोलन के मूड में आ गए हैं। देव शिल्पी मजदूर कल्याण समिति की अगुवाई में मजदूरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है।
👉 मजदूरों का आरोप* है कि पिछले 14 साल से मजदूरी दर में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं हुई, जबकि उन्हें मात्र ₹12,000 प्रतिमाह वेतन मिल रहा है। उनकी मांग सिर्फ ₹15,000 की है, लेकिन प्रबंधन लगातार टालमटोल कर रहा है।
👉 समिति अध्यक्ष शिव ने साफ कहा –“अब मजदूर चुप नहीं बैठेंगे, अगर प्रबंधन ने समाधान नहीं निकाला तो सड़कों पर उतरना मजबूरी होगी।”
👉 वहीं, एनएसयूआई जिला अध्यक्ष मनमोहन राठौर ने तीखे सवाल उठाते हुए कहा –"अगर एनटीपीसी मजदूरी दर नहीं बढ़ा सकता तो हमारी जमीन लौटा दो। हम खेती करेंगे, हमारा छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है। जब देश का पेट भरने वाले किसान और मजदूर ही परेशान रहेंगे, तो विकास किसका होगा ?”
👉 इधर, एनटीपीसी HR शैलेश चौहान ने सफाई दी कि वेतन बढ़ाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है, यह फैसला केंद्र सरकार का होता है। इस बयान के बाद मजदूरों और प्रबंधन की वार्ता पूरी तरह विफल हो गई।
अब समिति ने दो दिन का अल्टीमेटम दिया है
और चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे नेवासा ओवर ब्रिज (29 किलोमीटर) के नीचे धरना देंगे और जरूरत पड़ने पर ट्रेन रोक आंदोलन भी करेंगे।
अब बड़े सवाल :-
" क्या 14 साल से मजदूरी दर न बढ़ना न्याय है ?
"केंद्र सरकार और एनटीपीसी प्रबंधन मजदूरों की जायज़ मांगें कब मानेंगे ?
" क्या आंदोलन के उग्र होने से पहले समाधान निकल पाएगा ?
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